लंगड़ा आम एक आम की किस्म है जो अपने मीठे, रसदार और मांसल गूदे के लिए जाना जाता है । इसे बनारसी लंगड़ा, मालदा आम और लंगड़ी के नाम से भी जाना जाता है। लंगड़ा आम भारत और बांग्लादेश में उगाया जाता है।
मूल
- लंगड़ा आम की खेती सबसे पहले 250-300 साल पहले भारत के बनारस में की गई थी
- “लंगड़ा” नाम संभवतः हिंदी शब्द “लंगड़ा” से आया है
विशेषताएँ
- लंगड़ा आम मीठा, रसदार और मांसल होता है
- इसका बाहरी भाग पतला और गूदा समृद्ध होता है
- इसमें फाइबर, विटामिन ए और सी, पोटेशियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है
- इसकी खुशबू बहुत अच्छी है और इसका स्वाद गहरा और जटिल है
- पकने पर इसका रंग हरा बना रहता है
बढ़ती परिस्थितियाँ
- लंगड़ा आम के पेड़ों को पूर्ण सूर्यप्रकाश की आवश्यकता होती है
- उन्हें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम युक्त संतुलित उर्वरक से खाद देने की आवश्यकता होती है
- उनका आकार बनाए रखने और मृत या रोगग्रस्त शाखाओं को हटाने के लिए उनकी छंटाई की आवश्यकता होती है
- कीटों के लिए उनका नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए तथा उन्हें जैविक कीटनाशकों या नीम के तेल से उपचारित किया जाना चाहिए
फसल
- लंगड़ा आम की कटाई आमतौर पर मध्य जून से जुलाई के अंतिम पखवाड़े तक की जाती है