कुंदा, चमेली के पौधे की एक किस्म है. इसे डाउनी जैस्मीन भी कहा जाता है. इसके फूल सफ़ेद रंग के होते हैं और इनमें बहुत अच्छी खुशबू होती है. कुंदा के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेद में सिरदर्द, घाव, और ज़हर के इलाज में किया जाता है.
कुंदा के बारे में कुछ और बातें:
- कुंदा के फूल देखने में बहुत सुंदर लगते हैं और शरीर को ठंडक देते हैं.
- कुंदा के फूलों की सफ़ेदी के कारण, हिंदू पौराणिक कथाओं में अक्सर ‘कुंडा की तरह सफ़ेद’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
- मणिपुर में, कुंदा के फूलों का इस्तेमाल पूजा में किया जाता है.
- विवाह समारोह में, दुल्हन दूल्हे को कुंदा के फूलों की माला पहनाती है.
- कुंदा के पौधे की देखभाल के लिए, मिट्टी को समान रूप से नम रखना चाहिए.
- बढ़ते मौसम में कुंदा के पौधे को नियमित रूप से पानी देना चाहिए.
- सर्दियों में पानी देने की आवृत्ति कम कर देनी चाहिए.
- कुंदा के पौधे की नियमित छंटाई करनी चाहिए.